भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को हाल ही में वियतनाम देश में एक शिवलिंग मिला है। वियतनाम में एक जगह है जिसका नाम My Son है वहां पर एक बहुत बड़ा मंदिर परिसर है। जिसका नाम Cham Temple Complex से जाना जाता है। यही भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा मरम्मत का कार्य चल रहा था तभी ये शिवलिंग मिला। ये शिवलिंग लगभग 1100 साल पुराना है। 




इस खोज के बारे में सबसे पहले हमारे विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने बताया। उन्होंने ट्वीट करके उसके बारे में पूरी  जानकारी दी और उत्खनन क्षेत्र के कुछ फोटो को भी शेयर किया। फोटो में साफ देखा जा सकता है कि शिवलिंग की अवस्था विल्कल ठीक है।



मंदिर परिसर का इतिहास


साउथ ईस्ट एशिया में स्थित वियतनाम के मध्य में यह चाम टेंपल कंपलेक्स स्थित है। जंगल के बीचो-बीच यहां पर एक बहुत बड़ा मंदिरों परिसर है जिसमें कई सारे मंदिर आते हैं। लेकिन इनमें से अब बहुत ही कम बचे हैं। वास्तविकता में यहां पर 68 मंदिर बताया जाता है लेकिन अब मुश्किल से 20 ही यहां पर मौजूद है बाकी सब नष्ट हो गया हैं।


मंदिर परिसर के इन मंदिरों को अगर आप ध्यान देंगे तो आपको भारत के मंदिरों से काफी समानताएं नजर आएगी और इसका कारण है कि यहां पर 4 थीं से 13वीं शताब्दी के बीच जो चंपा राजवंश था। उनमें से बहुत से राजा हिंदू धर्म को माना करते थे। भारतीय संस्कृति होने के कारण यहां पर शिवलिंग, विष्णु भगवान के मंदिर और कई सारे बौद्ध स्तूप भी देखने को मिलते हैं। 



दक्षिण और मध्य वियतनाम पर पूरी तरह से चंपा राजवंश का शासन था। ऐसा बताया जाता है कि ये राजवंश 2nd सेंचुरी के आस पास स्थापित हुए थे और 4 थीं से 13 वीं सेंचुरी तक लगभग 1000 साल तक इस राजवंश ने शासन किया। इनकी राजधानी समय-समय पर बदलती रही थी। कभी इंदरपुर  , कभी पांडुरंग , कभी विजया और कुछ समय के इनकी राजधानी माई सन को बताते हैं जहां यह मंदिर परिसर स्थित है। 


9 वीं सदी में एक चंपा राजा इंद्र वर्मन द्वितीय ने इस चाम मंदिर परिसर को बनवाना शुरू किया क्योंकि यह शायद उस समय राजधानी बन चुका था और यह बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी था। ऐसा माना जाता है कि 14 वीं सदी तक यहां पर लोग रहते थे लेकिन उसके बाद यहां से आबादी हट गई और कई सदियों यहां कोई नहीं रहा था। 




1903-04 में फ्रेंच विशेषज्ञ द्वारा पहली बार यहां उत्खनन हुए था उस समय भी बहुत से शिवलिंग यहां देखने को मिले थे।लेकिन कुछ कारणों की वजह से उत्खनन पूरा नहीं हो पाया था।उस वक्त तक मंदिलो की अवस्था खराब हो चुकी थीं।


 "Cham temple complex"  आज एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। यहां पर लॉर्ड शिव को समर्पित मंदिर है। अब इन मंदिरों की हालत काफी खराब है बहुत हद तक टूट चुके हैं।  वियतनाम वॉर के दौरान इन मंदिरों पर अमेरिका के एयरपोर्ट के द्वारा बहुत बम गिराया गया था क्योंकि जो विपक्षी फोर्सेस थी   यानी कि नार्थ वियतनाम की आर्मी उसने इस जगह को अपना मिलिट्री बेस बना रखा था। 


14 वीं सदी के बाद वियतनाम में बहुत सी लड़ाई लड़ी गई थी। इन लड़ाई की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ इन मंदिरों को हुए था। 


 हालांकि जब वियतनाम युद्ध समाप्त हुआ उसके बाद 1975 के बाद से वियतनाम की गवर्नमेंट ने इन मंदिरों को बचाने लिए काफी कुछ किया है अब तो यह यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी है लेकिन जो नुकसान होना था वह हो चुका है। आज ये केवल एक खंडहर के रूप में नजर आते हैं ।


अब 21वीं सदी में भारत और वियतनाम सरकारों ने एक समझौता किया जिसके तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम वियतनाम में जाकर वहां की सरकार को इन उत्खनन में मदद कर रही हैं।  यह जो मंदिर परिसर है इसमें नया उत्खनन भी चल रहा है और जो पुराने मंदिर है उनकी मरम्मत भी हो रही है। 

 

इस मंदिर परिसर  में यह पहला शिवलिंग डिस्कवर नहीं हुआ है पहले भी छह अन्य शिवलिंग यहां पर उत्खनन किए जा चुके हैं लेकिन ये शिवलिंग है वह थोड़ा ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि वह जमीन में दबा होने के कारण यह शिवलिंग बिल्कुल अच्छी अवस्था में है।

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