राजस्थान की सरकार जल्द ही एक नए रसोई योजना की शुरुआत करने जा रही है जिसका नाम देश के पूर्व प्रधानंत्री स्वर्गी श्री मती इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है। "इंदिरा रसोई योजना" जिसके तहत गरीबों तथा जरूरत मंद लोगो को कम मूल्य पर दिन में दो समय पौष्टिक भोजन प्रदान करने की योजना बनाई जा रही है।



तमिनाडु राज्य में चल रहे अम्मा कैंटीन के बारे में तो आप ने सुना ही होगा। बिल्कुल उसी की तर्ज़ पर " इंदिरा रसोई योजना"  की शुरुआत की जा रही है। 

आप को बता दें कि 'इंदिरा रसोई योजना' की घोषणा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अपने सरकारी आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए Covid-19 के बारे जागरुकता अभियान की शुरुआत के समय किया गया। 



इस योजना की संक्षित जानकारी देते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट किया कि सरकार की जो सरकार का संकल्प है कि 'कोई भूखा नहीं सोए ' इस संकल्प में यह योजना एक सकारात्मक कदम है और इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगो को रियायती दर पर दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

योजना की ख़ास बातें

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार की जो संकल्प है कि कोई भूखा नहीं सोए उसी तर्ज पर यह योजना शुरू किया जा रहा है
इंदिरा रसोई योजना के तहत जरूरतमंद लोगों का दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा
  इस योजना के अंतर्गत जो भी गैर सरकारी संगठन(NGO) है उनकी सहायता से सरकार इस योजना को चलाने की बात कही गई है ।
 आप की बता दे कि इस योजना को प्रभावशाली तरीके से लागू के लिए सरकार information technology के माध्यम से इस पर निगरानी रखेेगी।
इस योजना में एक सबसे ख़ास बात यह है कि सरकार राजस्थान के सभी नगर निगम तथा नगर परिषद में टेस्ट के आधार पर भोजन प्रदान करने की बात कही गई हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि इस योजना का नाम पूर्व प्रधानंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर इसलिए रखा गया है क्योंकि वे एक महान प्रधानमंत्री थी उन्होंने अनेक  महत्वपर्ण कार्य किया है जैसे की बांग्लादेश को बनाया , हरित क्रांति की शुरुआत की, 1974 में पोखरण में परमाणु परीक्षण कराया इसलिए उनकी याद में इस योजना का नाम रखा गया है।

अन्नपूर्णा रसोई योजना

आप को बता दें की राजस्थान में जब बीजेपी की सरकार थी उस समय भी दिसंबर 2016 में अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरुआत की गई थी इसमें भी रियायती दर पर भोजन प्रदान कराया जाता था। 5 रुपए में ब्रेकफास्ट और 8 रुपए में लंच दिया जाता था।  


भवनी सिंह देथा जो कि लोकल सेल्फ गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के सेक्रेट्री है उन्होंने बताया कि अन्नपूर्णा रसोई योजना थी उसकी वैधता 31मार्च 2020 को खत्म हो गई है। इसी कारण से इसी योजना की शुरुआत की गई है। 

अंत में आप को बता दे कि सबसे पहले 2013 में इस प्रकार की योजना की शुरुआत तमिनाडु राज्य में किया गया था। इस योजना का नाम "अम्मा उनवागम" है सामान्यता हम इसे अम्मा कैंटीन के नाम से जानते हैं। इसके बाद इसी योजना के तर्ज पर अन्य राज्यो जैसे की ओडिशा , कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश में रसोई योजना की शुरुआत की गई है।

Covid -19 के चलते जो भारत में संपूर्ण लॉक डाउन लगा था उस समय तमिनाडु में फसे प्रवासी मजदूरों को अम्मा कैंटीन में मिल रहे कम मूल्य पर भोजन से बहुत संभाल मिला था। वास्तव में इस प्रकार की योजनाएं बहुत ही लाभकारी होते हैं।



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